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मयख़ाना भरा शराब से, बोतलें हजार हैं हाथ को न जाने, किस जाम का एहसास हैं। मयख़ाना भरा शराब से, बोतलें हजार हैं हाथ को न जाने, किस जाम का एहसास हैं।