Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Hemali Chavda

Others

4.5  

Hemali Chavda

Others

यादों का सफरनामा

यादों का सफरनामा

2 mins
636



चलो चलते है आज एक ऐसे सफर में

जो है कुछ अनकही तो कुछ अनसुनी,

कुछ मीठी तो कुछ तीखी,

कुछ मस्तिवाली तो कुछ गुस्से वाली,

कुछ उदासी वाली,

कुछ रूठने तो कुछ मनाने वाली।

ये सफर है यादों का कुछ सुहाना सा सफर

जब बात आती है बचपन की

तो याद आती है वो खिलौनों की,

वो यूहीं रूठने की - यूहीं रोने धोने की,

जिससे होती थी पूरी हर ज़िद बड़ी ही

आसानी से,


जब तब साथ याद आती है

वो मस्तियां और वो शरारतें जो होती थी

बैठ कर दादा दादी की गोद में

वो बारिश में भीगने का मज़ा ही था कुछ और

और साथ साथ करते थे बिना कुछ सोचे समझे

नादानियाँ कुछ ऐसे की वो

होते थे नजर अंदाज़ मम्मी पापा के सामने

जब होते है थोड़े बड़े तो

नादानियां और शरारतें बदल जाती है थोड़ी सी

तब आती है स्कूल की वो छोटी बड़ी मस्तियाँ

जो डस्टर और टीचर की २-३ थप्पड़ों से

होती थी ख़तम


तो कभी कभी वो प्रिंसिपल की शिकायतें और

पैरेंट्स कॉल से बढ़ती थोड़ी सी मुश्किलें थी

पर वो दोस्तों के साथ लंच ब्रेक में होने वाली पार्टी

और एक दूसरे को चिढ़ाने का अलग ही मज़ा था

करते करते ऐसी मस्तियाँ जब बढ़ते है

कॉलेज की और एक स्पीड भरी रफ्तार में

तब मिलते है कई यार साथ में

होते है कई क्लास बंक और

होती है शरारतें कुछ अलग ही

जैसे होती है टीचर्स और प्रिंसिपल की मिमिक्री

तो कहीं होती है शायरी और पोएट्री की महफ़िल

करते थे कुछ दोस्तो की खिचाई इस तरह

की रो देते थे बेचारे फुट फुट के

जब पूरा होता है ये कॉलेज का सिलसिला

तब लगता है कि अब तो लाइफ है बेमिसाल


पर पता नहीं था कि रियल लाइफ

शुरू हुई है अब इस नौकरी की जंजाल से

अब पता चलता है

कि क्या होती है परेशानियां

जब आया है बोझ जिम्मेदारियों का

है कुछ यादें ऐसी भी जो कर देती है दिल को

रुसवा कुछ इस तरह की बन जाते है खुद

ही उदास

पर क्या करे आखिर है तो ये अपनी ही

सबसे प्यारी यादें

होती है दिल में कभी कभी थोड़ी उलझन सी

की क्या करे इन किस्सों का

इस यादों का

जो कभी हँसा जाती है तो

कभी रुला जाती है

क्योंकि

यादों का पिटारा खोले तो

कुछ किस्से आते है यूं सामने ऐसे की

हो जाते है खुशी से पागल हम

इस तरह की

लगते है उड़ने

उस हसीन दौर में बिन पंख लगाए...


Rate this content
Log in