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*विषय-...
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*विषय-...
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*विषय- प्रेमस्वरुप आई*
जग दाखविते जन्म देऊनी
कसे होऊ तिचे मी उतराई,
उपकारास तिच्या नसे सीमा
अशी आहे प्रेमस्वरुप आई.
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सौ.वनिता गणेश शिंदे©️
मु.पो.गडद, ता.खेड,जि.पुणे
”
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