कधीच न ऋण I जन्मदेचे फिटे | नयनी तो दाटे | मातृ भाव ॥ ५ ॥ कधीच न ऋण I जन्मदेचे फिटे | नयनी तो दाटे | मातृ भाव ॥ ५ ॥