चीड़ और देवदार के पेड़ नज़रें नीची किए खड़े थेवे किसी से निगाहें भी नहीं मिला पा रहेथे चीड़ और देवदार के पेड़ नज़रें नीची किए खड़े थेवे किसी से निगाहें भी नहीं मिला पा...