विजयादशमी
विजयादशमी
प्रिय साथियों आज का विषय असत्य पर सत्य की विजय को दर्शाता है।भारत एक अनोखा देश है जहा विभिन्न धर्मों के लोग विभिन्न प्रकार के उत्सव और पर्व मनाते है,इसलिए भारत देश को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा त्योेहार भारत देश में ही मनाए जाते हैं।इन्हीं सब पर्वों में एक पर्व दशहरा है जिसको बुराई पर अच्छाइ और असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक रूप में मनाया जाता है।दशहरा पर्व का महत्व हिन्दु धर्म में अत्यधिक है क्योंकि यह पर्व हमे बहुत से सकारात्मक संदेश प्रदान करता है।इस पर्व के माध्यम से हमे साल दर साल यह सीखने को मिलता है की हम कितने भी ताकतवर क्यों न हो जाए परंतु हमे कभी भी अहंकार नही करना चाहिए,नही तो हमारे पतन को कोई भी रोक नहीं सकता है।यह पर्व प्रतीक है सच का,साहस का,मित्रता का वीरता का और प्रेम का।रामायण से हमे यह ज्ञान प्राप्त होता है की एकता और प्रबंधन के बल पर भगवान राम ने लंका पर जीत हासिल की,यहा तक की एक छोटी सी गिलहरी ने भी पुल बनाने में सहयोग किया भगवान राम ने सुग्रीव से मित्रता करके रावण पर विजय प्राप्त की थी जबकि बुराई के कारण रावण को उसके ही भाई ने छोड़ दिया था।अगर देखा जाए तो हर उत्सव और पर्व हमे कुछ न कुछ सिखाते है क्योंकि ये पर्व बने ही है एक दूसरे के साथ मिलकर भाईचारा बढ़ाने के लिए।नवरात्र के नव दिनों तक माँ दुर्गा की आराधना की जाती हैं क्योंकि शक्ति स्वरूप माँ के आशीर्वाद से ही प्राणी सुखी रह सकता हैं।नफ़रत, क्रोध अहंकार लालच जैसे अनेक बुराइयों को जला कर कोई भी व्यक्ति सही मायने में पर्व के मूल अर्थ को सार्थक कर सकता है। आप सभी लोगों के उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ आशा करता हूँ की आज का विषय आपको पसंद आया होगा।