परिलोक से आई मदद
परिलोक से आई मदद
बAदलो के पीछे एक संसार छुपा था। सादियों से इस लोक से धरती के बच्चो के लिए उपहार भेजे जाते थे। नायाब उपहार जो बच्चो का दिल जीत ले। ईन उपहरो को परिया खास बनती थी। इन उपहरो को देख कर जो बालको के मुख पर मुस्कुराहट आती थी उससी से परिलोक मे खुशी और शांति रहती थी। एक दिन पारियो को राजकुमारी बेहद उदास थी। ऐसा तब ही होता था जब कोई बच्चा दुखी हो। राजकुमारी का दुख देख कर परिया समझ गई क्या कारन होगा। सभी परिया ईस खोज मए लग गयी की यह कोण सा बालक है। बहुत खोज के बाद भी कुछ पता नही चल प रहा था। तभी एक दिन एक चिरिया बदलो से दाखी उस दुनिया मेल पाहुची।
उस चिरिया के पास एक पत्र था जिसमे एक बालक के दुख के बारे मे लिखा था। ईस पत्र मे एक बालाक ने बताया था की कोरोना पांडेमिक के दोरण उसके पिता की नोकरी चली गयी। ईस कारण घर मए पैसो की कमी हो गए। उसका स्कूल छूट गया और अब उसके पास पढ़ने के लिए कितबे भी नही है। परियों ने उस बालक की मदद करने की ठानली। एक अनोखा तोफ़ा तयार किया गया खास उस बालक के लिए जिसमे कितबे और एक खास टिकिट थी। इस टिकिट के माध्यम से वह बालक पारियो के खास विद्यालय मे पढ़ाई के लिए आमंत्रित किया गया था। इस प्रकार उस बालक की समस्या का हल करके परिलोक मई खुशी वापस आगाई।
