Mrs. Priyanka Dheeraj Soni

Children Stories

5.0  

Mrs. Priyanka Dheeraj Soni

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मेरी उड़ान

मेरी उड़ान

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सभी के मन में खुद के सपनों के प्रति बहुत उम्मीदें होती है।हर कोई अपने सपने को साकार करना चाहता है।हम मन में कुछ ठान ले और वो पूरा न हो, तो हमे हार नहीं माननी चाहिए और जो सच्चे मन से कोशिश करता है उसका तो भगवान भी साथ देता है।क्या हुआ अगर हम एक बार हार गए तो सच्चे मन से कोशिश करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।याद रखना बूंद बूंद से ही सागर भारत है और पत्ता पत्ता हिलने से ही हवा तेज होती हैं ठीक वैसे ही कामयाबी छोटी छोटी ही हो एक दिन ऊंचाई ज़रूर मिलेगी।

कामयाबी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपने माता-पिता का विश्वास ,उनका आशीर्वाद। अगर आप उनको ठोकर मारकर आगे बढ़ने की कोशिश करोगे,तो याद रखना ज़िन्दगी में कभी सफल नहीं हो पाओगे।अगर आपको अपने काम में सफल होना है तो माता - पिता से आगे नहीं उन्हें अपने साथ चलाओ तो सफलता जरूर मिलेगी। और अगर माता - पिता का आशीर्वाद आपके साथ होगा फिर तो आपको किसी की चिंता करने की जरूरत नहीं है, निरन्तर आगे बढ़ते रहो सफलताएं मिलती रहेगी।

मेरा एक दोस्त है वो आई. पी. एस. ऑफिसर बनना चाहता है ।उसकी बचपन से यही इच्छा है,और ये सपना उसे उसके माता - पिता ने ही दिखाया था और वो मन से मेहनत भी कर रहा था ,लेकिन आज उसे लगता है कि वो अब बड़ा हो गया है,समझदार हो गया है।ज़िन्दगी के सारे फैसले वो खुद ले सकता है। उसे अब माता - पिता की जरुरत नहीं है।ये सुनकर उसके माता - पिता पूरी तरह से टूट चुके थे। लेकिन अपने बेटे को कुछ भी नहीं बोला और वो अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से निकल पड़ा। उसने इसके लिए इतनी परीक्षाएं दी लेकिन कभी सफल नहीं हो पाया, हर बार कुछ अंको से पीछे रह जाता था और वो अब टूट चुका था,अब आगे करने की उसने हिम्मत नहीं थी। फिर एक दिन हारकर वो घर लौट आया।उसे आते देख उसके माता - पिता बहुत खुश हुए और ये ही उम्मीद लगाए बैठे थे कि उनका बेटा बड़ा ऑफिसर बनके आ गया है।लेकिन जब सच का पता लगा तो उन्हें बहुत दुख हुआ। रिश्तेदारों ने भी बहुत सुनाया, उनकी बाते सुनकर माँ ने बेटे को गले लगा लिया और फिर बेटे को अपनी गलती का ऐहसास हुआ और बहुत दुख हुआ और सोचा उसने ऐसा क्यों किया और फिर माता - पिता से माफी भी मांगी ।आप तो जानते ही होंगे हर मां का दिल अपने बच्चो के प्रति बहुत कच्चा होता है।पिता एक बार भले ही थोड़ी सख्ती दिखा दे पर मां कभी नहीं दिखा सकती। आप पिता से कुछ मांगोंगे और वो ना करदेंगे लेकिन मां को बोलते हो तो वो आपके लिए पिता को मनाते है और आपकी सारी इच्छाएं पूरी करते है, तो मेरे दोस्त के साथ भी यही हुआ था ,मां एक बार में ही मान गई ,जो कुछ भी हुआ था सब कुछ भुला दिया और उसे गले से लगा लिया। थोड़े दिनों बाद जब वापिस आई. पी. एस. के पेपर देने का टाइम आया तब उसकी मां ने उसे वापिस बोला, बेटा एक बार फिर इसका फॉर्म भर दे और बोला इस बार तुझे सफलता जरूर मिलेगी।लेकिन बेटे ने बोला मां मैने इतनी बार प्रयास किया फिर भी थोड़े अंको से में रह जाता और अब में थक चुका हूं , मां समझ गई थी इसका हौसला पूरा टूट चुका है लेकिन मां ने उसके टूटे हुए होसले से ही उसको हिम्मत दिलाई और बोला एक बार मेरे कहने से कोशिश तो करके देख,मेरा दिल कहता है इस बार तू जरूर जीतेगा। उसने मां की बात मान ली और फॉर्म भर दिया, और माता - पिता का आशीर्वाद लेकर उसने पेपर भी दे दिया। फिर परिणाम का टाइम आया और खुद का परिणाम देख कर उसे विश्वास नहीं हुआ। लेकिन उसकी मां को पूरा विश्वास था कि इस बार वो जरूर सफल होगा और ठीक वैसा ही हुआ, उसे उत्तीर्ण अंक प्राप्त हुए,उसकी मां बहुत खुश हुई और सबसे पहले अपने बेटे का मुंह मीठा करवाया।ये उसके सपने का अंतिम पड़ाव था जो उसने अपने माता - पिता के आशीर्वाद से पूरी तरह से पार कर लिया था और फिर वो उसकी ट्रेनिंग के लिए बाहर गया। और आया जब वो आई. पी. एस. ऑफिसर बनके ही आया था।उसकी मां ने जब उसको आई. पी. एस.ऑफिसर की वर्दी में आते देखा तो उसकी आंखे खुशी से नम हो गई थी,और आस - पड़ोस में सबको आवाज़ देकर बाहर बुलाने लगी"देखो मेरा बेटा बड़ा ऑफिसर बनके आ गया" उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था उसकी खोई हुई पहेचान उसे वापिस मिल गई उसकी मां को बहुत खुशी हुई और अपनी मां की खुशी को देखकर बेटा खुश हो रहा था और उसे समझ आ गया था माता - पिता के आशीर्वाद के बिना कुछ भी नहीं है और उनको दुखी कभी नहीं करना।और वो आज तक जिनसे भी मिला है सभी को यही सिख देता आ रहा है,माता - पिता से बड़ा कोई नहीं। अगर आपको सफलता चाइए तो माता - पिता का आशीर्वाद जरूर लेना,उन्हें कभी दुख मत देना। याद रखना आपकी कामयाबी उनकी खुशी से जुड़ी है।

ये बात उसको तो अच्छी तरीके से समझ आ गई थी और उसने अपनी उड़ान भरनी शुरू कर दी। अब आप लोग भी अच्छे से समझ लेना

माता - पिता से बढ़कर कोई नहीं दूजा

होगा खुश भगवान भी जब करेंगे उनकी पूजा

कभी न उनको दुख देना ,न कभी ठुकराना

कितनी कठिनाइयां आजाए हर पल उनके साथ मुस्कुराना

ये बात अगर आप समझ जाओगे तो कभी असफल नहीं हो पाओगे।अगर याद रखोगे मेरी बात को बहुत पास से देखोगे कामयाबी को.।।ठीक वैसे ही जैसे एक छोटा बच्चा चलने के लिए कितनी मेहनत करता है , पहले एक कदम चलना सीखता है और कितनी बार तो गिर जाता है लेकिन फिर भी हार नहीं मानता और अपने माता - पिता की अंगुली पकड़ के फिर से धीरे धीरे वापिस अपने मन में होसला जगाता है और चलने की कोशिश करता है और एक दिन चलना सीख जाता है। उसे भरोसा था उसके माता - पिता को भरोसा था कि एक दिन ये जरूर करेगा और उसने करके दिखाया ।ये ही हालात जब हम बड़े होते है तब हमारे साथ हो जाते है कामयाबी सारी एक साथ नहीं मिलती उसके लिए एक एक कदम आगे बढ़ाना पड़ता है एक कदम सफलता से रखेंगे तो दूसरे कदम में एक बार जरूर गिरेंगे ,लेकिन हौसला नहीं खोना चाइए, ये जरूरी नहीं कि ऐसा हर दूसरे कदम में हो । निरंतर परिश्रम करने लगेंगे तो धीरे धीरे ऊंचाइयों को छूने लगेंगे ।आप भी यदि जैसे बचपन में करते थे वसे अब भी करोगे तो सफलता जरुर मिलेगी ये में नहीं आपका विश्वास बोलेगा

जंहा तक खुला आसमान दिखेगा हमे निरन्तर आगे बढ़ते रहना होगा, यानी हम अगर कुछ करने की ठान ले और बिना डगमगाते हुए पूरे मन से उस लक्ष्य को पाने में अपना सरा ध्यान लगा दे तो हमे अपना सपना पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता ।सिर्फ अपने मन में खुद के सपने के प्रति कोई शंका नहीं होनी चाहिए। अगर थोड़ा बहुत भी हमारा विश्वास डगमगाया तो हम हमारे सपने को कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। जैसे पक्षियों के बच्चे अगर भूखे हो तो वो जी-जान लगा देते है अपने बच्चो के लिए खाना ढूंढने में,उन्हें अपने उड़ान कि कोई चिंता नहीं होती, न उन्हें गिरने का डर रहता है, न कहीं टकराने का, क्योंकि उन्हें पता है अगर वो एक बार टकराकर गिर गए तो फिर से उड़कर अपने लक्ष्य पर जरूर पहुंचेंगे और टकराते टकराते, उड़ते उड़ते आखिर वो अपनी मंज़िल तक पहुंच ही जाते है पंख तो होते ही उनके लेकिन उनके हौसले में भी जान होती है, हार नहीं मानते है वो।कभी इधर तो कभी उधर कोशिश करते रहते है। और आखिर में उनके बच्चो के लिए खाना मिल ही जाता है।पंख है और हौसला भी तो कामयाबी उनके कदम छू रही होती है। ठीक वैसे ही हमारे मन में अगर हौसला है हमारे सपनों के प्रति,हमारे लक्ष्य के प्रति, तो कितनी भी हमारे सामने अर्चने, कठिनाइयां आजाये ,अगर हमारे हौसलों में जान है तो कोई भी हमे हमारी कामयाबी तक पहुंचने के लिए उनमें बाधा नहीं डाल सकता।

सिख लेनी चाहिए हमे पक्षियों से, हौसला कभी नहीं हारना चाहिए , हौसले के हारते ही हमारी हिम्मत टूट जाएगी ,इसलिए हौसला कभी मत हारना और पूरी शान से जीना,और याद रखना मंज़िल उन्हिको मिलती है जिनके सपनों में जान होती है , हौसलों में उड़ान होती है।इसलिए अपने मन को मजबूत बनाओ, कठिनाइयों से मत घबराओ और कामयाबी की तरफ आगे कदम बढ़ाओ।एक दिन आपका विश्वास खुद बोलेगा सफलत जरूर मिलेगी।। पक्षियों ने तो अपनी उड़ान भर ली अब हमारी बारी है उड़ान भरने की , कामयाबी हासिल करने की ।तो निरन्तर परिश्रम करते हो , उड़ान भरते रहो, कामयाबी मिलती रहेगी।।। सभी की उड़ान उनकी एक पहेचान है तो कामयाबी मिलेगी तो पहेचान भी बढ़ेगी लेकिन ये सारे काम ईमानदारी से पूरे होंगे। बेईमानी से करने की कोशिश करोगे तो एक दिन बहुत नीचे गीरोगे की वापिस इतना उपर आ पाना मुश्किल हो जाएगा


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