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Kawaljit Kaur

Children Stories

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Kawaljit Kaur

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मेहनत के सपने

मेहनत के सपने

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एक बूढ़ा रास्ते से कठिनता से चला जा रहा था। उस समय हवा बड़े जोरों से चल रही थी। अचानक उस बूढ़े का हैट हवा से उड़ गया। उसके पास ही तीन लड़के स्कूल जा रहे थे। उनसे बूढ़े ने कहा, “मेरा हैट उड़ गया है, उसे पकड़ो। नहीं तो मै बिना हैट का हो जाऊंगा।”

वे लड़के उसकी बात पर ध्यान न देकर टोपी के उड़ने का मजा लेते हुए हंसने लगे। इतने में नीतू नाम की एक लड़की, जो स्कूल में पढ़ती थी, उसी रास्ते पर आ पहुंची।

उसने तुरंत ही दौड़कर वह हैट पकड़ लिया और अपने कपड़े से धूल झाड़कर तथा पोंछकर उस बूढ़े को दे दिया। उसके बाद वे सब लड़के स्कूल चले गए।

गुरूजी ने हैट वाली यह घटना स्कूल की खिड़की से देखी थी। इसलिए स्कूल की सुबह की असेम्ली में उन्होंने सब विद्यार्थियों के सामने वह हैट वाली बात कही और नीतू के अच्छे काम के लिए को भेंट दी।

जो तीन लड़के गरीब की हैट उड़ते देखकर हंसे थे, वे इस घटना का देखकर बहुत लज्जित और दुखी हुए।

उस पैसे से मैं एक मुर्गी खरीदूंगा। वह मुर्गी अंडे देगी और थोड़े समय बाद उन अंडों में से और मुर्गियां और मुर्गें निकलेंगे। यह मुर्गे और मुर्गियां बहुत सारे अंडे पैदा करेंगे। फिर कुछ समय में मेरा खुद का मुर्गी फार्म होगा।” वह सोचता रहा।

“फिर मै अपने फार्म की सारी मुर्गियां बेच दूंगा और फिर उससे गांव खरीदूंगा और दूध का व्यापार शुरू करूंगा। मुझसे फिर सारे गांव के लोग दूध खरीदेंगे। मैं बहुत आमिर बन जाऊंगा। सब लोग मेरा आदर करेंगे और अगर वह कोई भी गलत काम करेगा तो मै उसे गुस्सा करूंगा। उसे सही काम आदत डालने के लिए मैं उसे डंडे से भी मारूंगा।” अपने सपने में उस भिकारी ने अपने पलंग के पास रखे डंडे को उठा लिया और उस डंडे को मटके पर मार दिया। दूध का मटका टूट गया और वह अपने सपने से जाग गया। फिर उसे अहसास हुआ कि वह दिन में सपने देख रहा था।

Moral of the Story – आपके सपने मेहनत के बिना कभी पूरे नहीं होंगे।


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