मै एक हिन्दुस्तानी हूँ
मै एक हिन्दुस्तानी हूँ


आँठवी कक्षा का परिणाम आ चुका था, राहुल ने अच्छे अंको से परीक्षा पास कर ली,, अब आगे की पढा़ई के लिए उसे दूसरे स्कूल मे जाना था, और वो बहुत खुश था कि उसे वहा नए दोस्त मिंलेंगे और नई किताबे नया स्कूल बैग, सब कुछ नया जैसे जिन्दगी को एक नई पहचान मिल रही हो।
पापा ने कहा था सुबह जल्दी उठना तेरा दाखिला करवाने जाना राहुल की माँ ने राहुल को कहा और राहुल मीठे मीठे ख्वाबो मे चला गया कि कैसे रहेगा कल का दिन कैसे होगे नए टीचर्स और सो गया। अगली सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गया और दाखिला करवाने चला गया, और दाखिल के दो दिन बाद उसका स्कूल जाने का दिन आ गया, वहा कक्षा मे उससे पहले सब छात्र बैठे थे और एक अध्यापक भी था, राहुल ने सर से प्रमिशन ली और अन्दर जाकर बैठ गया, राहुल के जाने के बाद अध्यापक सब बच्चो से "आज आप का पहला दिन है क्लास मे सब एक दूसरे के बारे मे जानेंगे, तो सब अपना पूरा नाम बता कर बैठ जाऐंगे", सब बच्चे अपना अपना नाम बताकर बैठ गए, अन्तिम बारी राहुल की आई, और राहुल ने कहा "सर मेरा नाम राहुल है", और बैठने लगा, सर ने कहा ऐसे नही जैसे सब ने बताया (रोहन मेहरा,सुनैना छिंदे, अब्दुल महबूब, हरप्रति सिँह) ऐसे तुम भी कहो तो सर के पूछने पर राहुल ने कहा "मै राहुल हिन्दुस्तानी हूँ", ऐसा कहते ही पूरी कक्षा और अध्यापक ने तालिँया बजाकर उसका अभिंदन किया।।
राहुल बच्चा था हो सकता किसी फिल्मी सीन को बोला हो, पर हम तो समझदार है क्यो हम जात पात धर्म के नाम लडाईयाँ करते क्यो हम दूसरो को नीचा दिखाने की प्रथा भूला नही सकते, क्यो हम सब मिलकर एक ऐसा हिन्दुस्तान नही बना सकते जैसा उनका सपना था जो हमारे लिए फाँसी पर लटके, जो हमे आजाद करवाने के लिए खुद मर मिटे।। क्या हम उनका एक हिन्दुस्तान हो गुलस्ता और सब हो इसके फूल का सच नही कर सकते।।
स्वयं सोचें।।