लाचार व्यक्ति
लाचार व्यक्ति
जिंदगी के तमाम संघर्षों से लड़ते हुए, कुछ धन मोहन ने इकट्ठा किया मोहन बहुत खुश था, अब मैं इस धन से अपनी बेटी की शादी बड़ी धूमधाम से कर सकता हूं, अपनी जमा पूंजी बैंक से लेकर बाहर निकलता है, सुनहरे सपने सजाए अपने घर के तरफ बढ़ता जा रहा अचानक ठहर जाने की आवाज आयी, श्याम ठहरा ! "यह जो पैसे हैं हमें दे दो इसी में तुम्हारी भलाई है!"
" लेकिन यह पैसे मेरे हैं, श्याम डरते हुए कहा, इससे मैं अपनी बेटी की शादी करूंगा!"
" यह पैसे अगर नहीं दिए तो तुम मारे जाओगे" सामने वाले व्यक्ति ने कहा !
"ठीक है ले लो" श्याम ने लड़खड़ाते हुए शब्द में कहा "क्या पैसा जिंदगी आपकी पार कर सकती है ! यह आपको खुशी दे सकती है ! इस पैसे से कितना जी सकते हो ! यह मोह संसार है ! यहां से कोई कुछ ले नहीं जा सकता है ! मैं अपनी जरूरतों के लिए लाचार हूं ! तू अपनी जरूरतों के लिए लाचार है ! मर्जी अब तेरी है !!"
