कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा
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तिथि कार्तिक पूर्णिमा आई,
श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
धो कर गंगाजल से पाप,
लोगों ने की पुण्य कमाई।।
पूर्णिमा की सर्द रात में,
ठंडी ठंडी चले पुरवाई।
सर्दी बढ़ने लगी मौसम में,
निकले गर्म कंबल रज़ाई।।
धूप लगने लगी सुहावनी,
अलाव तपिश मन को भायी।
साँझ ढले लोग घरो में दुबके,
रज़ाई में घुसकर आए गरमायी।।
काजू, किशमिश, बादाम, मूँगफली,
खाकर शरीर की क्षमता बढ़ायी।
परिवार में गपशप संग गर्म व्यंजन,
चाय की चुस्की मन को भायी।।