एलियन के साथ काल्पनिक मुलाकात
एलियन के साथ काल्पनिक मुलाकात
शाम का समय था ... दिन ढलते ढलते रात में बदलता जा रहा था । आसमान में हल्का सा उजाला कहीं कहीं दिखाई दे रहा था ।थोड़ी देर में सूरज ढल गया। रोज की तरह रात ने दिन पर डाका डाल ही दिया था । चारों तरफ गहरा सन्नाटा था । 13 साल का अभिमन्यु सड़क पर चला जा रहा था । तभी आसमान से एक तेज रोशनी बड़े आकार की प्रकट हुई अभिमन्यु कुछ समझे इसके पहले ही कुछ दूर पर एक चमकती हुई चीज धरती पर उतर आई उसकी रोशनी में अभिमन्यु उस वस्तु को देख नहीं पा रहा था पर वह आकाश से उड़ती हुई कोई उड़न तश्तरी की तरह थी । अभिमन्यु कुछ समझ पाता उसके पहले ही वह उड़नतश्तरी उड़कर अभिमन्यु के सर से थोड़ा ऊपर आ गई और उसी उड़नतश्तरी के चले भाग से कोई तेज रोशनी हरे रंग की अभिमन्यु के ऊपर गिर रही थी देखते ही देखते अभिमन्यु उस अंडाकार आकृति की उड़नतश्तरी में ना चाहते हुए भी खींचता चला गया । उसके मुंह से कोई बोल नहीं निकल रहा था , वह कोशिश कर रहा था पर जैसे उस रोशनी ने मंत्रमुग्ध कर दिया हो और यान में खींचा हुआ चला गया अंदर जब यान में अभिमन्यु दाखिल हुआ वहां पर कई विचित्र प्रकार के मनुष्य आकृति के लोग थे जिनका सर मानव से बड़ा था ।
आंखें बड़ी बड़ी बिल्ली की तरह हाथों की उंगलियां लंबी लंबी और शरीर पर मांस कम नसे ज्यादा दिखाई दे रही थी , जैसे कि किसी मानव की चमड़ी जल गई हो । उन लोगों की त्वचा का रंग हरा भूरा और हल्का नीला कई तरह का दिखाई दे रहा था । कुछ मानव आकृति हल्के नीले रंग की थी तो, कुछ भूरे रंग की उनका कद मानव से अधिक था । उसके कान बहुत ही बड़े बड़े और किसी के कान थे ही नहीं । अभिमन्यु ने सोचा क्या यह लोग एलियन हैं तभी एक एलियन अभिमन्यु की ओर बढ़ा अपनी लंबी उंगलियां उसकी गर्दन की और बढ़ाने लगा तभी अभिमन्यु जोर जोर से चिल्लाने लगा "मुझे छोड़ दो मुझे छोड़ दो मुझे मत मारो मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?' तभी सरोज अभिमन्यु की मां ने उसकी पीठ पर थपथपाया और बोली फिर से वही सपना देखा होगा उटपटांग की फिल्में देखकर सोते हो और सपने में चिल्लाते हो जब अभिमन्यु की पूरी तरह से नींद खुल गई ।
