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Quotes
जिन्दगी का भरोसा नही हर कोई फिर क्यों समेट रहा है। भावना ...
हँसो तो यूँ कि औरों का जीवन गुलज़ार हो, बिखरो तो यूँ बिखरो ...
मां सबका दुःख समेटकर खुशियां बांटती है
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