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समानुभूति
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अहसानों
Quotes
अहसानों की ओट में क्यों दुबक कर बैठें हों अपने हिस्से की धूप ...
करें वह व्यवहार हम सब, झलके जिसमें समानुभूति। लगता है हो रहा ...
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