यूँ मिलना...

यूँ मिलना हमसे हमसफ़र मेरे कि जन्म जन्म तक की प्यास बुझ जाए, रूह की तड़प शांत हो और बैरी चाँद हमसे जल जाए। -बिन्दिया रानी ठाकुर

By Bindiya rani Thakur
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