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ये कीमत ये...

ये कीमत ये जीवन की जो चुकाई है रो रो कर भूल कर सपने की उड़ान बाद में याद कर रोता राहा में बस अकेला ही में ना दोस्त ना दुश्मन है बस अकेला हु ये कहानी ये मेरी जो शब्दो में कम पड़ गया है आज

By Aditya Vardhan Gandhi
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