STORYMIRROR

वो मेरा जो...

वो मेरा जो एक ख़्वाब था वो आज भी पलकों में समाया है अश्कों के मोती गिरतें रहतें पर ख़्वाब नयनों में बसाया है मुसलसल तकलीफ़े सहतें-सहतें ख़्वाबने हर बार रूलाया है काँटो पे चलकर भागती ज़िंदगी को फिर ख्व़ाबने ही बुलाया है Deepali Mathane.......

By Deepali Mathane
 390


More hindi quote from Deepali Mathane
30 Likes   0 Comments
15 Likes   0 Comments
11 Likes   0 Comments
2 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments