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वो दिन याद आते है
जब हम दोनो कदम से कदम मिलाकर चला करती थी
मोबाइल नहीं था उस समय जब हम कॉलेज से साथ आने के बाद भी घंटों लैंडलाइन पर बाते किया करती थी
एक दूसरे की छोटी छोटी बातों का ख्याल रखा करती थी
दुनिया से कोई मतलब नहीं हम एक दूसरे से ही खुश हुआ करती थी
एक दूसरे के सुरक्षा का ध्यान भी रखा करती थी
आज भी हम एक दूसरे के लिए वही है,वही प्यार, वही सुरक्षा, वही ध्यान, वैसे ही एक दूसरे में खो जाना है
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