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विश्व...

विश्व तिरंगा लहराऊँगी मैं भारत की नारी हूँ। हर पल आगे बढ़ती जाऊँ नहीं रही बेचारी हूँ।। चट्टानों सा जिगरा मेरा दुश्मन थर-थर काँप रहा; कर्म धर्म से भाग्य बनाऊँ नहीं किस्मत से हारी हूँ।। @Dr.Purnima Rai

By Dr.Purnima Rai
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