“
उसकी मुस्कराहट के दीवाने थे कभी हम,
आज ये सोच के हम हंस देते हैं।
नींदों में ना जाने क्यूं मेरे ब्रेक सा लग गया,
जब से मुझे उनसे थोड़ा सा इश्क हो गया।
दिल में तूफ़ान
दिमाग में हलचल सी है,
पता नहीं हमे कहां जाना था और
हम कहां पहुंच गए।
बेवजह तो ना था तुमसे यूं मिलना,
गुजरे पलों का हिसाब जो बाकी था तुमसे।
खुद को मुझसे कभी दूर ना करना,
तेरे कांधे की जरूरत उम्र भर रहेगी मुझे।
”