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तन और...

तन और बुद्धि संग प्रभु ने , हमें भेजा है जगत में, सदुपयोग करके इनका ,करना है सार्थक जीवन। कर्मआचरण ही अमर होते, है नाशवान हर तन, अनुकरणीय हों कार्य अपने, आनंद में रहे मन। @ गायत्री धन पति सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
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