ताज्जुब...

ताज्जुब होता है अपनी सुरक्षा के लिए जिन हाथों में, हम नेतृत्व की कमान सौंपते हैं वहीं हमारे भाग्य विधाता बन कर, हमारी पीठ पीछे छुरा घोपते हैं। अर्चना कोचर ©️

By Archana kochar Sugandha
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