अयोध्या कोई जीत-हार का, अखाड़ा नहीं राजनीति का बजता हुआ, नगाड़ा नहीं अयोध्या नगरी है, राम कर्म महान की तुष्टिकरण करते हुए, क्यों विचारा नहीं ? अर्चना कोचर
चार दिन की यह जिंदगी एक दिन आने में लग गई एक दिन जाने में लग गई बाकी दिन कमाने में लग गई। अर्चना कोचर
चार दिन की यह जिंदगी एक दिन आने में लग गई एक दिन जाने में लग गई बाकी दिन कमाने में लग गई। अर्चना कोचर
चार दिन की यह जिंदगी एक दिन आने में लग गई एक दिन जाने में लग गई बाकी दिन कमाने में लग गई। अर्चना कोचर
जिंदादिली के नारे लिखता हूँ आँखों देखे नजारे लिखता हूँ लगाई-बुझाई पर कौन करें यकीन मैं केवल दर्द हमारे-तुम्हारे लिखता हूँ । अर्चना कोचर