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सबको रुसवा बारी बारी किया करो,हर मौसम मे खुशीया जारी किया करो..
जब जी चाहे मौत बिछा दो बस्ती मे,लेकींन बाते प्यारी प्यारी किया करो..
नींद का आंखो से वास्ता टूट चुका,अपने घरकी पेहेरेदारी किया करो..
रोज वही एक कोशिश जिंदा रहेनी की,मरणे की भी कूछ तय्यारी किया करो..
राहत इंदोरी साहब
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