STORYMIRROR

रक्त की...

रक्त की नदियों से चली अभिज्ञता की नाव। जिसका ना कोई अंत है, ना किनारों की छांव। चीरकर गर निकलना चाहोगे इनसे तो, गन्तव्य ही मिलेगा, भर जाएगें घाव।

By panchii singh
 225


More hindi quote from panchii singh
10 Likes   0 Comments