“
रावण जैसा दुनियां में कोई विद्वान ना हुआ,
अपने इसी मद के चक्कर में वो चूर-चूर हुआ,
जैसा किया कर्म लंकापति रावण ने
कर्मफल वैसा ही प्राप्त हुआ,
विद्वान होते हुए भी अधर्म की नीति पर चला,
अपना व अपनी कौम का सबका विनाश हुआ,
आज ही के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई,
आज ही दिन रावण वध को प्राप्त हुआ !!
✍🏻 वैष्णव चेतन "चिंगारी" ✍🏻
गामड़ी नारायण
बाँसवाड़ा
”