“
पता है , इन बारिश बूंदों को देख कर ,
यही लगता है कि तुम हो ,
तुम हो यही कहीं ,
कहीं इन बूंदों में तो नहीं हो ..?
तुम गर हो तो मुझे भीग जाना चाहिए ,
चाहे बुखार हो ,फिर भी भीग जाना चाहिए । इसी बहाने कहीं मुलाकात ना हो जाए ,
क्यूं तुम हो तो में हूं ...।
By . Priyadarsini Das
”