STORYMIRROR

पर्त दर...

पर्त दर पर्त छीला जाता नारीत्व आंगन में पल पल। "नारी तुम केवल श्रद्धा हो" लिखना शायद कवि की कोई मजबूरी ही रही होगी! डॉ. अनु ०९.०९.२०२०

By Dr. Anu Somayajula
 484


More hindi quote from Dr. Anu Somayajula
8 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
6 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments