STORYMIRROR

प्रकृति की...

प्रकृति की अप्रतिम रचना है नारी, त्याग की मूर्ति जग की हितकारी। दो कुलों की प्रतिष्ठा की है जिम्मेदारी, खुद दुख सह सबको सुख देती नारी। @ डी पी सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
 27


More hindi quote from Dhan Pati Singh Kushwaha
1 Likes   0 Comments
1 Likes   1 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments