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प्रकृति का...

प्रकृति का सौंदर्य नष्ट हो रहा, और जिम्मेदार है इसका मानव। स्वार्थसिद्धि हेतु कर रहा दोहन, पथ प्रलय का प्रशस्त करता दानव। @ डी पी सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
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