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पिता जी की...

पिता जी की पहचान से चल रहा हूँ मैं हाँ! अपने पिता जैसा बन रहा हूँ मैं, जो सभी तकलीफें सहकर ख़ुद से ही हमें सुरक्षित रखते हैं, वैसा बन रहा हूँ मैं।

By Guneet Malik
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