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नकल कहां मुमकिन...
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नकल कहां...
“
नकल कहां मुमकिन है मां पापा के प्रेम की; धर्म के मां पापा बनने के बाद भी कोई बेटी नहीं समझता बहू को। अनीता भारद्वाज
”
By
Anita Bhardwaj
249
प्रेमनश्वरनाखूबसूरतीनश्वर
इसलिएवेजनकल्याणकरतेहैं।डॉमंजुगुप्तावाशी
बहू
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hindi quote
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Anita Bhardwaj
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