Anita Bhardwaj
Literary Brigadier
AUTHOR OF THE YEAR 2020,2021 - NOMINEE

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यूंही खोते खोते ज़िन्दगी को, रुककर कुछ देर ढूंढ रही हूं खुद को, कागज़ और कलम में जी रही हूं खुद को।

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उससे कहना अब उसके आड़े ना आएगा इश्क़ मेरा, वो ख़ुश है अपने चाहने वालों के साथ तो ख़ुश रहे “बेहिसाब”❤️❤️ अनीता भारद्वाज

यात्रा इस जीवन की, जी कर पूरी करना, भाग दौड़ के चक्कर में, यूंही बिना जिए इस जीवन की यात्रा को ना खत्म करना!!

जिंदगी तुझे सवाल दो चार करना चाहती हूं, होती है तू कैसी दिखने में तुझे सामने बिठा कुछ पल निहारना चाहती हूं!!

दया की उम्मीद न रखना किसी से भी अपने बुरे वक्त में, पर तुम दया भाव जरूर रखना अपने अच्छे वक्त में!!

ये संघर्ष की गरम हवा सहन कर लो अपना दिल थाम कर, सफलता हर मौसम बदल देगी, तुम्हारे दुश्मन भी आयेंगे तुम्हारे दर तुम्हें अपना मानकर!!

मोह तो एक मां ही रखती है बस सच्चा, कितनी भी गलतियां कर लें, बन जाएं कितने भी बड़े, मां हमेशा कहती है; कोई बात नही मेरा बच्चा!!

किसी देश की असली ताकत उसके लोगों की एकता है; जो साथ मिलकर चलते हैं, उन्हें कोई ना दुश्मन देखता है!!

सकारात्मकता ही असल दवाई है, इस महामारी में खुद को बचाने की, सेहत के साथ साथ कोशिश करें मानसिक स्वास्थ्य को भी स्वस्थ बनाने की!!

प्रौद्योगिकी के दौर में रिश्ते भी डिजिटल हो गए, छूट गए रिश्ते भी, अपने पराए, पराए अपने हो गए!! अनीता भारद्वाज


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