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​नजरों की...

​नजरों की अदला बदली होती रहे, रूह मेरी तुझमें कहीं खोती रहे, बढ़ता ही रहे ये इश्क का सिलसिला आहिस्ता आहिस्ता, तकरार की बदौलत ही सही मगर, ये मुलाकात होती रहे।

By Navni Chauhan
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