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न जाने...

न जाने क्यों लोगों को ऐसा लगता है कि अगर हम किसी दूसरे की रचना की प्रशंसा करेंगे तो शायद ये उनके खुद के लिए ठीक नहीं होगा। इसी वजह से शायद ज्यादातर रचनाओं में एक ही लाइक नजर आता है, वो भी रचनाकार का खुद का लाइक होता है।

By Navni Chauhan
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