STORYMIRROR

नाकामयाब...

नाकामयाब बेशक हूँ, नासाज़ नहीं। यलगार नहीं हूँ, पर हारी भी कोई आवाज़ नहीं। टुकड़े तो बेशक सौ दफ़ा किये हैं तुमने मेरे, और आगे भी करोगी, हक है तुम्हारा पर अब तेरे रवैये से ऐ ज़िदगी मैं नाराज़ नहीं।

By Kaustubh Srivastava
 415


More hindi quote from Kaustubh Srivastava
28 Likes   0 Comments
31 Likes   0 Comments