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मुसाफिर में...
मुसाफिर में...
मुसाफिर में...
“
मुसाफिर में अकेला,
ना कोई गम न कोई पीछे घेला,
हमे ना चाहिए कोई क्योंकि,
क्या पता कब फिर मिल जाए,
उस जैसे धोका देने वाला उसका चेला..
~कानूड़ी
”
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