kaanudi
जज्बा होतो, जज्बा करने में भी, मजा आएगा.. ~कानुडी
मुसाफिर में अकेला, ना कोई गम न कोई पीछे घेला, हमे ना चाहिए कोई क्योंकि, क्या पता कब फिर मिल जाए, उस जैसे धोका देने वाला उसका चेला.. ~कानूड़ी