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"मुझसे...

"मुझसे फ़ांसला रखकर दिल तोडने की तेरी आदत है, मेरी मुहब्बत को ठुकराकर तडपाने की तेरी आदत है। "मुरली" आदत तेरी भूल जा, मौसम मस्त बहारों की है, दिल मेंं मेरे समाउंगा तुझे यह मेरी भी पुरानी आदत है।" -धनजीभाई गढीया"मुरली"

By Dhanjibhai gadhiya "murali"
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