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मनुष्य का स्वयं का कोई व्यवहार नहीं होता, यह सिर्फ दूसरों के प्रति ही होता है। यदि बुरे व्यवहार वाला कोई व्यक्ति भले ही अच्छा बनने की कोशिश कर रहा हो या फिर अच्छे व्यवहार वाला हाल ही में बना हो तो भी आप उसे नापसंद करेंगे क्योंकि आप उसके बुरे व्यवहार से परिचित हैं।
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