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मिलने कि...

मिलने कि खुशी बिछडने का गम तन्हा अकेले उदास हम कैसे कहे कैसे हम.........? बस यूँ ही समझलो अपनो के बिना अधूरे से हम.............!!

By वैष्णव चेतन "चिंगारी"
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