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मैं पथ बन...

मैं पथ बन हर पल खड़ा हूँ कितने पथिक आए-चले गए। कुछ देर तक ठहरे कुछ गहरे कहीं तक उतरे और पल में कुछ कहानी नई कर गुजरे। कितने पथिक आए-चले गए।। ~ राजीव उपाध्याय

By Rajeev Upadhyay
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