“
मैं हर वह विषय पर लिखना चाहता हूं, बोलना चाहता हूं , अपना विचार रखना चाहता हूं जिस पर मेरी संवेदनशील दृष्टि पड़ती है! यद्यपि मैं कानूनन अधिकृत नहीं हूं ... फिर भी मैं लिखना चाहता हूं क्योंकि मेरी अंतरआत्मा मुझे अधिकार देती है की अपनी संवेदना को अभिव्यक्त करूं...
”