“
मां
मां सृष्टि में सब जीवों की होती भाग्य विधाता ।
मां सा सुन्दर सुखद मनोरम नहीं कोई है नाता ।।
कष्टों में जब घिरते सुत तो मां ही देती उन्हें सहारा ।
हर माता का पुत्र उसे होता है प्राणों से प्यारा ।।
दुख कष्टों से बचा के सन्तति अपना फर्ज निभाती ।
आंचल की छाया में अपनें चलना है हमें सिखाती ।।
नन्द कुमार
मो0 -भगवन्तपुर , पाली जिला-हरदोई
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