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'लोगों' के...

'लोगों' के डर से मोहब्बत अबकी बार भी हल्की नहीं करनी। नुख़्स शायद मुझमें ही था कुछ जो तुझे पहचान न सके, अच्छा हुआ जो तुम मुझे रुख़सत कर गए चल, अबकी बारी ये गलती भी नहीं करनी ।। ....rajmishra

By Raj Mishra
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