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कविता कवि...

कविता कवि की वो कल्पना होती है जो भावनाओं के समन्दर मे ववन्डर सा मचलती है भरती हे असिम चन्चलता भूजाओं में और कोरे कागज के पन्नो पे कलम से निकलती है -Pankaj Kumar Samal

By Pankaj kumar Samal
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