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कल तक........

कल तक..... तेरा शहर छोड़ने का, इश्तिय़ाक था। और आज.... तेरे शहर से, इत्माम....इश्क़ कर बैठा हूँ। ©हरिपाल सिंह रावत 'पथिक'

By Haripal Singh Rawat (पथिक)
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