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कितनी हसरत...

कितनी हसरत है दिल कि दास्ताँ लिख दूँ, अपने अधूरे से सफर मे एक मकाँ लिख दूँ. कोई छू ले अयान मेरे ठहरे हुए समुंदर को. ऊठी हलचल को मै एक बार जवाँ लिख दूँ.

By अनिल श्रीवास्तव "अनिल अयान"
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