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खुश भी हू...

खुश भी हू उदास भी हू चेहरे पर खामोशी है बाते भी करता हू वजह क्या है पता नही औरो को बढावा देते देते गिर गये खुद के नजर मे जालिम है बहुत हम खुद की मासुमियत पर तरस नही आया।

By Sushil Kharat
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